
रायबरेली में कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के दो दिनी दौरे की शुरुआत कुछ यूं हुई जैसे किसी मेहमान का स्वागत पत्थरों से किया गया हो।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका काफिला रोककर जमकर नारेबाज़ी की। नारों की गूंज थी — “राहुल गांधी वापस जाओ!”
विरोध की असली वजह?
पीएम मोदी की मां के खिलाफ अपशब्द, जो कांग्रेस से जुड़े कुछ नेताओं ने कहे थे।
बीजेपी मंत्री खुद उतरे मैदान में
सिर्फ कार्यकर्ता ही नहीं, राज्य सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह भी सड़क पर उतर आए। धरना दिया, नारे लगाए, और राहुल गांधी का रास्ता रोका।
मंत्री जी बोले:
“जब तक माफी नहीं मांगी जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा।”
हालात इतने गरमा गए कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी देखने को मिली।
कार्यक्रम क्या है राहुल का?
राहुल गांधी बुधवार सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे और वहां से सड़क के रास्ते रायबरेली।
रास्ते में हरचंदपुर में सपा नेताओं से भी मुलाकात हुई। दौरे में शामिल है:
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बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मीटिंग
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स्थानीय कार्यक्रमों में भागीदारी

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जनता के बीच सीधी बातचीत
यह लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनका छठा दौरा है — और शायद सबसे ज़्यादा हंगामेदार भी।
पोस्टर वार: अब राहुल, अखिलेश, तेजस्वी बने कलयुग के देवता
सपा लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव राहुल निर्मल बागी ने एक पोस्टर जारी किया। इसमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप में दिखाया गया। बागी बोले:
“तीनों नेता पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की आवाज़ हैं — और वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।”
सियासी पोस्टर अब आइडियोलॉजी से ज़्यादा मेमे मैटीरियल बनने लगे हैं!
रायबरेली में गर्मी मौसम की नहीं, राजनीति की है
राहुल गांधी के इस दौरे की शुरुआत ने साफ कर दिया है कि रायबरेली में राजनीति के तापमान में पारा ऊपर ही रहेगा। बीजेपी यहां राहुल को खुलकर टक्कर देने के मूड में है, और कांग्रेस समर्थकों को अब ज्यादा रणनीति और कम रील्स की ज़रूरत है।
आगामी चुनाव के लिए रायबरेली बनता जा रहा है ‘पोलिटिकल बैटलग्राउंड नंबर 1’।
“दुबई की पिच और प्लेइंग XI दोनों ही बना रहे हैं टीम इंडिया को हेल्पलेस XI!”
